Wednesday, 20 April 2016

जख्या




The Great Himalayan

TADKA.." JAKHYA "" जख्या "

         " जख्या "....वानस्पतिक नाम ..Cleome viscose ......इसे " तड़कों का राजा " कहें तो अतिशयोक्ति न होगी ...आकार में सरसों के दानों से कुछ छोटा होता है पहाड़ी इलाकों में अपेक्षाकृत कुछ गर्म स्थानों पर खेतों की मेंड़ पर या निर्जन जगह पर इसके पौधे अपने आप हर साल उग जाते है. मैंने तो यहाँ दिल्ली में इसको गमले में उगाया है ... साल भर इसके बीज का तड़का ...खास कर बिना रस वाली सब्जियों जैसे उबले आलू,सीताफल, हरी सब्जियों का स्वाद बढाता रहता है..लोग स्वादानुसार कई सब्जियों व दालों में इसका तड़का पसंद करते हैं..विशेषता ये भी है कि यदि लापरवाही के कारण जल भी जाए तो स्वाद और भी अच्छा महसूस होता है...मेरे कई मैदानी क्षेत्रों के मित्रों ने इसका स्वाद चखा ...सभी इसके मुरीद हो गए ....उत्तराखंड से उनके लिए " जख्या " लाना नही भूलता हूँ ..ये रखे-रखे ख़राब भी नही होता...उत्तराखंड के अलावा ये दक्षिणी भारत में भी होता है ..

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