जड़-चेतन
Wednesday, 30 March 2016
प्रकृति
अरे वाह !! यहाँ तो ठहाकों का दौर चल रहा है !! लगता है पुराने दोस्त लम्बे अर्से के बाद मिले हैं !! और बचपन में की गई कोई शरारत याद आ गई है !!
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