Wednesday, 23 September 2015

" अल्मोड़ा " ; एक उपयोगी घास




" अल्मोड़ा " ; एक उपयोगी घास


... खुदेंदु अल्मोड़ा ...
जिला कु नो नि सम्झ्याँ
घास कु नो अल्मोड़ा छ
पाखों बिट्टो मिळ्दु खूब
   स्वाद माँ खट्टू हौंदु छ..

चटणी खूब स्वाद बणदि
विटामिन “सी” भरपूर छ
आयरन भी खूब मिळ्दु
    ये सि बचपना कि प्रीत छ...

रूडियों मा गदगदा पत्तों की
चटणी कु अलग आनंद छ
ह्युंद किड्या सि हवे जांदु
    पाखा बिटटों लाल रंगणुं छ...

नौना बोळ्युं नि माणदा
कंडाळी पुराणु इलाज छ
कंडाळी का झमणाट कु
     अल्मोड़ा पेटेंट इलाज छ....

कंडाळी का साग तैं
अल्मोड़ा सुस्वादु बणोंदु छ
नया ज़माना माँ बैठक कि
    अल्मोड़ा शान अब बढोणु छ ...

उत्तराखंडी अब परदेशी ह्वेन
नौना बाळा कम ही जांणदन
पाखा बिटटो खड़युँ अल्मोड़ा
   सुनसान बाटों देखि खुदेणु छ !!

..विजय जयाड़ा 21.04.15
                  ये उत्तराखंड में ऊँचाइयों पर पायी जाने वाली, विटामिन C व आयरन से भरपूर सदाबहार अल्मोड़ा घास है. खाद्य के रूप में इसे क्षुधावर्धक चटनी बनाने में और कंडाली (बिच्छु घास) के साग में डालकर खाया जाता है. कंडाली के पत्तों के स्पर्श से त्वचा में उत्पन्न पीड़ादायक झनझनाहट को उस स्थान पर अल्मोड़ा के पत्तों को रगड़ने से समाप्त किया जा सकता है. मछर के काटने पर भी ऐसा ही किये जाने से जलन ख़त्म हो जाती है.. अब इस घास का उपयोग सजावट के लिए भी किया जाता है..

1 comment:

  1. Sir can you tell me the botanical name of this grass bcz I can't find it on internet

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